जिसे हर दुआं मे मांगा था मैने
कुछ ना कहें वहीं अच्छा है अब हमारे लिए
वरना शिकायत तो बहुत हैं दिल में तुम्हारे लिए
कुछ ना कहें वहीं अच्छा है अब हमारे लिए
वरना शिकायत तो बहुत हैं दिल में तुम्हारे लिए
तेरी बेवफाई को भी दिल लगा बैठे हैं
अपने जख्मों को सबसे छुपाए बैठे हैं
दे लेना जी भरके दर्द हम को
हम दर्द को भी अपना बनाए बैठे हैं
इश्क के दरिया में भी हम भी डूब कर देख आये,
वो लोग ही समझदार निकले जो किनारे से लौट आये.
मोहब्बत को हम मोहब्बत से निभाएंगे
चाहत के दीप अपने दिल मे जलाएगे
गुजरना पडे कभी आपको काटें भरी राहों से
फूल बनकर हम भी राहों मे बिखर जाएगें
निगाहें ढूंढती उन्हें वो ओझल हो जाते
इश्क़ की कश्मकश मे हम भी खो जाते
हम अपने वजूद से नीचे गिरे ही नही
वरना हजारों लोग हमारे भी हो जाते
मजबूत रिश्तों की डोर कच्ची नहीं होती
सपनो की बातें अक्सर सच्ची नहीं होती
ख्याल रखा करो अपने बडे बुजुर्गों का
बिना मां बाप के किस्मत अच्छी नहीं होती