
मिलकर जु़दा हुए तो न सोया करेंगे हम
मिलकर जु़दा हुए तो न सोया करेंगे हम
मिलकर जु़दा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरें की याद मे रोया करेंगे हम
मिलकर जु़दा हुए तो न सोया करेंगे हम
आंसू छलक-छलककर सतायेंगे रात भर
मोती पलक-पलक मे पिरोया करेंगे हम
जब दूरियों की आग दिलों को जलायेगी
जिस्मों को चांदनी मे भिगोया करेंगे हम
जिस्मों को चांदनी मे भिगोया करेंगे हम
गर दगा दे गया हमें तूफान भी ‘कातिल’
गर दगा दे गया हमें तूफान भी ‘कातिल’
साहिल पे कश्तियो को डुबोया करेगें हम
इक दूसरे की याद मे रोया करेंगे हम
मिलकर जुदा हुए तो ना सोया करेंगे हम…!!!
आपको भूल जायेंं हम इतने तो बेवफा नहीं
आपको भूल जायेंं हम इतने तो बेवफा नहीं
आपको भूल जायेंं हम इतने तो बेवफा नहीं
आपसे क्या गिला करें, आपसे कुछ गिला नहीं
आपसे क्या गिला करें
शीशा-ए-दिल को तोडना, उनका तो एक खेल हैं
शीशा-ए-दिल को तोडना, उनका तो एक खेल हैं
हमसे ही भूल हो गई, उनकी कोई खता नहीं
काश वो अपने ग़म मुझे दे दे तो कुछ सुकू़ मिले
काश वो अपने ग़म मुझे दे दे तो कुछ सुकू़ मिले
वो कितना बदनसीब हैं गम़ ही जिसे मिला नहीं
करना है ग़र वफा तो क्या, कैसे वफा़ को छोड दूं
करना है ग़र वफा तो क्या, कैसे वफा़ को छोड दूं
कहते हैं इस गुनाह की होती नहीं कोई सजा नहीं
आपको भूल जायेंं हम इतने तो बेवफा नहीं
मंजिल न दे चरा़ग न दै हौंसला तो दे
मंजिल न दे चरा़ग न दै हौंसला तो दे
मंजिल न दे चरा़ग न दै हौंसला तो दे
तिनके का ही सही मगर आसरा तो दे
मैंने कब कहा कि मेरे हक़ मे हो जवाब
मैंने कब कहा कि मेरे हक़ मे हो जवाब
लेकिन खामोश क्यों है तू कोई फैसला तो दे
बरसों मैं तेरे नाम से खाता रहा फ़रेब
मेरे खुदा कहां हैं तू अपना पता तो दे
मंजिल न दे चरा़ग न दै हौंसला तो दे
बेशक मेरे नसीब पे रख अपना अख्तयार
लेकिन मेरे नसीब मे क्या है पता तो दे
तिनके का ही सही मगर आसरा तो दे
मंजिल न दे चरा़ग न दै हौंसला तो दे